पतली कमर खुदा तेरी कैसी खुदाई है तूने हसीनों की कमर पतली क्यों बनाई है ? जिन्हें देखकर राह चलते लोग हो जाते हैं भौंचक…
और पढ़ेंमहबूब का पता मुझसे ग़र कोई पूछे मेरे महबूब का पता कहूँगी रहता है गुलशन की फ़िज़ाओं में महकाता है फूलों को बसकर हवाओं में मुझसे ग़र कोई पूछे मेरे …
और पढ़ेंमैं ..... मैं एक मासूम फूल हूँ जिसे वक़्त के बेरहम हाथों ने मसलकर फेंक दिया है उस ज़मीन पर जहाँ सिर्फ़ आँसू और आहों …
और पढ़ेंवक़्त की लौ वक़्त की लौ थरथराती रही घबराती रही , कंपकपाती रही कोई हाथ न बढ़ा उसे थामने कोई परवाना न मिटा उसके सामने वक़्त…
और पढ़ेंक़ैद प्यार ने घेरा है मुझे या मैं प्यार में घिरी हूँ ये तो मालूम नहीं पर हाँ ये मालूम है कि मेरी आँखों में बस …
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