रात
रात रोती रही अपनी तन्हा ज़िंदगी पर
देखकर चाँद तारों ने कहा उससे
तू रोती है तन्हाई पर
मगर तन्हा तू नहीं
हम तेरे साथ हैं सदा
साथ तेरे शमां है और
साथ है रौशनी का मजमा
तन्हा तो दिन है
जिसकी तक़दीर का आसमां
सूना होता है
तुझे तो अपनी ख़ुशकिस्मती
पर फ़क्र हो
तेरी हर रात बारात आती है
हर रात तेरा डोला उठता है
तू मलाल क्यों करती है
तुझे तो सभी प्यार करते हैं।
0 टिप्पणियाँ
If you have any doubts, feel free to share on my email.