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कर्मों से ही भाग्य बनता है

 



कर्मों से ही भाग्य बनता है


एक छोटे से गाँव में रामु नाम का एक लड़का रहता था। वह गरीब था, लेकिन मेहनती और ईमानदार था। रामु के पास ज्यादा संसाधन नहीं थे, लेकिन उसके दिल में एक बड़ी इच्छा थी – वह भी बड़ा आदमी बने, और अपने परिवार की मदद करे।

एक दिन गाँव में एक साधू बाबा आए। गाँववालों ने उनकी पूजा की और रामु भी उनके पास गया। साधू बाबा ने रामु से पूछा, "तू क्यों परेशान है, बेटा?" 

रामु बोला, "बाबा, मैं गरीब हूं, और मेरे पास कोई काम नहीं है। मैं भी चाहता हूँ कि मेरे जीवन में सुख-समृद्धि आये।"

साधू बाबा मुस्कुराए और बोले, "बेटा, भाग्य सिर्फ हाथों में नहीं होता, वह हमारे कर्मों में होता है। अगर तुम मेहनत से काम करोगे, तो तुम्हारा भाग्य खुद ही बदल जाएगा।"

रामु ने साधू बाबा की बातों को दिल से सुना और ठान लिया कि वह अपनी मेहनत से कुछ करेगा। अगले ही दिन से उसने एक छोटे से खेत में काम करना शुरू कर दिया। शुरुआत में उसे बहुत मुश्किलें आईं, लेकिन उसने हार नहीं मानी। वह दिन-रात काम करता रहा।

कुछ महीने बाद, रामु ने अपने खेत से अच्छा मुनाफा कमाया और अपने गाँव में सबसे अच्छा किसान बन गया। अब लोग रामु की मेहनत और ईमानदारी की तारीफ करते थे। उसके बाद, उसने गाँव में दूसरों की मदद करनी शुरू की और धीरे-धीरे उसकी पहचान पूरे गाँव में फैल गई। 

एक दिन रामु फिर से साधू बाबा के पास गया। उसने बाबा से कहा, "बाबा, आपने सही कहा था। मेरे भाग्य ने बदल दिया क्योंकि मैंने अपने कर्मों को ठीक किया।"

साधू बाबा ने हंसते हुए कहा, "याद रखो बेटा, कर्मों से ही भाग्य बनता है।"

रामु मुस्कुराया और समझ गया कि सही मार्ग पर चलने से ही जीवन में सफलता मिलती है।


**सीख:**  

कर्म ही हमारे भाग्य को आकार देते हैं। मेहनत और ईमानदारी से किया गया हर कदम हमें सफलता की ओर ले जाता है।

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