हिम्मत
ना थके कभी पैर, ना हिम्मत कभी हारी है
ज़िन्दगी का ये कठिन सफ़र यूँ ही जारी है
हौंसला हारने पर ज़िन्दगी रखती बहुत उधारी है
सफलता हो या सफ़र सूरत दोनों की ही प्यारी है
आँखों में सपने, दिल में उम्मीद बहुत हमारी है
कभी तो बदलेगी सूरत, ना रहेगी कोई लाचारी है
खेलना है औ खेलते रहेंगे जब तक ख़ुदा ने दी बारी है
खुश होकर निभाओ किरदार, पैदल, साइकिल या फरारी है
हर दिन लिखना नया पन्ना अच्छे से, कलम तुम्हारी है
स्याही ख़त्म हो या टूटे दवात, कितनी भी रहे बेक़रारी है
छटेंगे बादल मिटेगी रात, आँख उठा ज़िंदगी उजियारी है
हिम्मत करने वाले का चमकेगा सूरज, चाहे नर हो या नारी है।
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