Ticker

8/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

दान

 


दान

 

तुम्हारे गंदे बिखरे बाल

तुम्हारा धूल से सना मुँह

फटे कपड़े और नंगे पाँव

देख कर एक दयालू ने

दया में भरकर अपने बच्चे के

पुराने कपड़े तो ला दिए

जिसे पाकर तुम फूले न समाए

लेकिन उन्हें पहन तुम

पहले से बदतर दिखते हो

लम्बे - बड़े कपड़ों में

तुम्हारा नन्हा-सा शरीर

और नन्हा लग रहा है

 

तुम्हें देखकर जाने क्यों

मुझे अपना बचपन याद आता है

मैं भी तुम्हारी तरह ही

तकलीफ़ें सहकर बड़ा हुआ

 

अब जैसे तकलीफ़ें कुछ हैं ही नहीं

मैं तो बस अपनी टूटी टाँग का रोना रो

सड़क के किनारे फुटपाथ पर बैठ

भीख में जो कमाता हूँ

उससे पेट की आग बुझाता हूँ

 

मैं तुम्हारे लिए क्या करूँ ?

तुम्हें मैं क्या दूँ ?

मैं तो ख़ुद एक भिखारी हूँ।

 


एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

If you have any doubts, feel free to share on my email.