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11 Best Hindi Poems- 2023


Best Hindi Poems- 2023



पैग़ाम


ठंडी हवा का झोंका

छू कर तेरे दामन को

जब गुज़रा मेरे करीब से

हुआ एहसास छुअन का

रोम रोम सिहर उठा

मेरे होंठ खुले

चाहा तुम्हें कोई पैग़ाम दूँ

मगर

हवा का झोंका चला गया

किसी और के दामन को छूकर

किसी और को पैग़ाम देने।



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पानी



पानी तेरी तकदीर कैसी

सभी को ज़रूरत है तेरी

लेकिन--

तुझे कोई नहीं जानता

सभी तुझे शांत देखते हैं

लेकिन--

तेरे अंदर कितने तूफ़ान हैं

और कितनी लहरें

कौन जानता है ?

    

  


तितलियाँ


 

तुम लोग तो तितलियाँ हो

अपनी अदाओं से

मन ललचाया

और

हाथ बढ़ाने पर

दूर उड़ गए

 

हम मासूम बच्चे हैं

पीछे - पीछे  दौड़ते हैं

लेकिन

जिनके हाथ

खाली ही रह जाते हैं।



 चाँद



 चाँद को देखा तो

तेरा चेहरा नज़र आया

ख़्याल आया कि

उसमें भी दाग़ है

तेरी वफ़ा की तरह

तू भी चमकता है औ

तेरा भी दिल ठंडा है

उसी की तरह


 


मील का पत्थर


 लम्बी बलखाती सड़क पर

एक मील का पत्थर

महत्तवपूर्ण

लेकिन बेचारा

कितना अकेला

न संगी, न कोई साथी

दूर तक कोई नहीं

सिर्फ अकेलापन

सूनापन।

 




मजबूर पंछी


 पंछी कैद से छूटकर

उड़ना चाहता है

लाख कोशिश करता है

लेकिन

बेकार ही

पिंजरा उसे नहीं छोड़ता

 

क्या ऐसा नहीं हो सकता

कि पिंजरा टूट जाए

और वो आज़ाद हो जाए

या फिर

पिंजरा सहित उड़ जाए

 हाय, ये कैद !

    

  


क्या है मेरी मंज़िल ?


 आसमां मेरी मंज़िल नहीं

मगर है कुछ उसके बराबर ही

क्या है मेरी मंज़िल ?

 

मुझे खुद मालूम नहीं

हर ऊंची उड़ान मंज़िल नहीं

हर ऊंचा ख़्वाब राह नहीं

तो फिर कैसे तय करूँ

कि क्या है मेरी मंज़िल?

 

किसी सरपरश्त का जो साया होता

तो मैंने भी अपनी

मंज़िल का पता पाया होता।


 


शमां


 जलती हुई शमां को किसने बुझाया

सहर के उजाले ने उसका वजूद मिटाया

परवाना तो पल में राख़ हुआ जल कर

मगर

शमां को फिर जलना है

और फिर बुझना

उसकी तक़दीर में रात ही है

तन्हाई, जुदाई और सुलगने की

मर- मरकर जीने की।



  


दुआ


 ग़मे हसरत कुछ इस कदर बढ़ी

मैंने झोली फैला दी दुआ के लिए

माँगा खुदा से आँसुओं का समंदर

माँगा हर आँख का पानी

मांगी हर ग़म की कहानी

जिसे पाकर मैंने कुछ और न माँगा

सबकुछ पा लिया इस दुआ के बाद।


  


ज़ख़्मों की ज़ुबाँ


 ज़ख़्मों की ज़ुबाँ क्या है

ये मुझसे मत पूछ

पूछ उस आबलापा से

जो काँटों की प्यास बुझाए

जो न बन पाए उससे तो

दे मुझको ज़ख़्म अपने

मुझको तो आदत है

काँटों से खेलने की

हर हालात में अपने तन को

काँटों से सजाने की

मुझको तो बस आदत है

ज़ख़्मों की ज़ुबाँ सुनने की


Feeling the heartache, a wounded soul, depression and broken hearts concept with barbwire piercing a red heart on white background  


नया साल


नया साल तुम्हारी ज़िंदगी में

कुछ इस तरह आए

तुम्हारा हर सपना

अच्छा और साकार हो जाए।

 

नया साल बहार बनकर आए

पुराने सारे ग़मों को

पीछे बहा ले जाए।

 

तुम्हारी छवि लोगों पर

कुछ इस कदर छाए

कि सबकी ज़ुबाँ पर

'नीता' नाम ही आए।

 

जो तुम्हें अपनी मुराद मिल जाए

तो शायद कभी

मेरी भी याद आ जाए। 


 

 

 

 

 

 

 

 

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