मौत
मान लो अगर मैं मौत होती
तो उन मासूम बच्चों के पास न फटकती
जिन्होंने अभी दुनिया देखी ही नहीं
उन युवाओं के घरों की ओर न देखती
जिन्होंने अभी मेरा बुलावा किया ही नहीं
मान लो अगर मैं मौत होती
उन लोगों को गले लगाती जो
दूसरों का बुरा करके खुश हैं होते
उन लोगों से मैं गहरी दोस्ती करती
जिनकी धोख़ा देना फ़ितरत हो गई
मान लो अगर मैं मौत होती तो शायद
उन मौत की दुआ माँगने वालों को समझाती
और जब तलक मेरी मोहब्बत की वफ़ादारी
उनके लिए ज़रूरी न हो
उनके पास तक न जाती
मान लो अगर मैं मौत होती तो
दुनिया के सभी मगरूरजादों को
अपनी छुअन का एहसास कराती
उनको ये दिखाती कि दूसरों को सताने का
अंजाम क्या होता है।
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