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Hindi Sad Shayari


Hindi Sad Shayari



 

 



भटकते रहना इधर- उधर

चलते रहना आठों पहर

उस सफर पर जो ख़त्म होता नहीं

मंज़िल कहाँ है पता नहीं

कब तक चलती रहूँ ?

आखिर कब तक ?

 

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