दीपोत्सव
दीपों का त्योहार
लाए मन में फुहार
ज़िन्दगी हो
रंगबिरंगे सपनों
का संसार
न कोई हो उस पार
न कोई हो इस पार
बस हो प्यार ही
प्यार
सभी को मिले ख़ुशी
कोई न हो अजनबी
दिल उमंग से हो
गरम
रहे कोई न भरम
मिलें सब एक संग
जीवन बने एक तरंग
मन में उत्साह और
प्रेम
के साथ गाएँ ये
गीत
आओ चलो मिलकर
निभाएं
दीपावली की ये रीत
1 टिप्पणियाँ
Your poem gave me feels of diwali, it filled me with light of happiness and joy.
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